संसद आक्रमण की 23वीं बरसी पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने बोला कि भगवान न करें कि अभी ऐसे दृश्य किसी को देखने को मिले. लोकतंत्र के मंदिर पर आक्रमण हुआ है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोकतंत्र के मंदिर पर आक्रमण किया गया. दुर्भाग्य है उस हमलावर अफजल गुरु को 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' ने सम्मानित किया. केंद्रीय मंत्री ने आगे बोला कि टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग आज मस्तक तो टेक रहे हैं, लेकिन जेएनयू में अफजल गुरु की बरसी पर लोगों ने नहीं किया. लोकतंत्र के मंदिर पर आक्रमण करने वाले की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है.वहीं लोकसभा में संविधान पर बहस को लेकर गिरिराज सिंह ने बोला, "मैं इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दूंगा कि उन्होंने संविधान दिवस के रूप में मनाने का कार्य किया. ताकि देश के लोगों को संविधान की शिक्षाएं याद रहे संविधान सिर्फ जेब में रखने की चीज नहीं है. बल्कि संविधान को व्यवहार में लाने की आवश्यकता है."वन नेशन-वन इलेक्शन पर विपक्षी नेताओं की आलोचना पर केंद्रीय मंत्री ने बोला कि मुझे समझ नहीं आता है तुम पियो तो पुण्य, मैं पियू तो पाप.
यहीं कांग्रेस की सरकार में 1967 तक देश में वन नेशन-वन इलेक्शन होता था.
आज देश को आवश्यकता है कि जल्दी से जल्दी विकास हो. वन नेशन-वन इलेक्शन विकास भी होगा और खर्चा भी कम लगेगा. ये देश के लोग चाहते हैं.इससे पहले गुरुवार को पीटीआई से बातचीत के क्रम में मंत्री गिरिराज सिंह ने बोला कि पूजा स्थल अधिनियम के विरुद्ध बोलने का हक हिंदुओं को होना चाहिए था. कांग्रेस के समय जब यह अधिनियम पारित किया तब हिंदुओं के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी. तब अदालत ही एकमात्र जगह थी जहां हिंदू जा सकते थे.