कहीं न कहीं आयोग को अपनी भी साख बचाने की आवश्यकता है.
कुछ न कुछ तो आयोग को भी सोचना चाहिए कि कोई बच्चा परीक्षा देने के बाद पांच दिन से भूख हड़ताल पर बैठा है तो उसे कितनी परेशानी हुई है.खान सर ने बोला कि हमने इस मामले में हाई कोर्ट (पटना) में पीआईएल डाल दिया है कि सभी जिलों में जहां-जहां परीक्षा हुई है वहां की सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक किया जाए. सीसीटीवी फुटेज से सारी चीजें क्लियर हो जाएंगी कि क्या अफवाह है और हकीकत क्या है. दूसरा कि जिस-जिस पर शक है उसका नार्को टेस्ट कराया जाए. आवश्यकता पड़ी तो हम सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे. आखिर बच्चों के लिए किसी न किसी को तो खड़ा होना पड़ेगा.खान सर ने आगे बोला कि आयोग (बीपीएससी) को सोचना पड़ेगा कि वे बच्चों के हित में सोचे. आयोग तो डांट कर भगा देता है. बच्चे साक्ष्य कहां से लाएंगे? तो सीसीटीवी फुटेज ही माध्यम है. एक प्रश्न पर उन्होंने बोला कि अभी मिलीजुली प्रतिक्रिया है, लेकिन वैसा अभी तक आश्वासन नहीं मिला है जिससे बच्चों को राहत मिल सके. अभी हम लोग आगे और बात बढ़ाएंगे. अभी चार से पांच लोग (अभ्यर्थी) सीरियस हैं. वे लोग आईसीयू में भर्ती हैं.