अपराध के खबरें

पटना में BPSC परीक्षा केंद्र पर हुई थी अधिकारी की मृत्यु, अब परिवार ने सरकार से की ये बड़ी मांग


संवाद 


बिहार में 13 दिसंबर को 70वीं बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा हुई थी. इस क्रम में पटना के एक परीक्षा केंद्र पर दिल का दौरा पड़ने से एक अधिकारी की मृत्यु हो गई थी. अब मृत अधिकारी के परिवार के सदस्यों ने मुआवजे के अलावा सरकारी नौकरी भी देने की मांग की है.
मंगलवार (17 दिसंबर) को पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि मृतक अधिकारी राम इकबाल सिंह बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) द्वारा नियुक्त संविदा कर्मचारी थे. बापू परीक्षा केंद्र पर अपर परीक्षा अधीक्षक के रूप में प्रतिनियुक्त की गई थी. परिवार के सदस्यों की तरफ से दिए गए आवेदन को आगे भेज दिया गया है ताकि उन्हें आवश्यक और पर्याप्त मुआवजा मिल सके.जिलाधिकारी ने बताया, "राम इकबाल सिंह के परिवार के सदस्यों ने कल मुझसे मुलाकात की और इस संबंध में एक आवेदन सौंपा. मैंने आवश्यक और पर्याप्त मुआवजे के लिए उनके आवेदन को बीएसईबी को भेज दिया है."
बता दें कि राम इकबाल सिंह को 13 दिसंबर को पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर उस वक्त हार्ट अटैक आया था जब कुछ अभ्यर्थियों ने प्रश्नपत्र लीक होने का इल्जाम लगाते हुए बवाल किया था. अधिकारियों ने राम इकबाल सिंह की मृत्यु के लिए विरोध प्रदर्शनों के वजह से उन्हें अस्पताल ले जाने में हुई देरी को जिम्मेदार ठहराया. 

जांच रिपोर्ट में जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कत्ल का मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई है.

इस मामले में राम इकबाल सिंह के भतीजे सनी कुमार ने बोला, "वे (राम इकाबल) परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे. जब मुझे पता चला कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा है तो मैं तुरंत मौके पर पहुंचा. मैं उन्हें नजदीकी निजी अस्पताल ले गया. बाद में पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले गया जहां उनकी मृत्यु हो गई. 13 दिसंबर की ही रात्रि में पटना में उनका अंतिम संस्कार किया गया.'' 
सनी का बोलना है कि शव को श्मशान घाट ले जाकर उन लोगों ने खुद ही अंतिम संस्कार किया. खर्च भी खुद उठाया. जिला प्रशासन की तरफ से कोई सहायता नहीं की गई. उन्हें (राम इकबाल सिंह) पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं थी. बोला कि बस चाची (इकबाल सिंह की पत्नी) के लिए सरकारी नौकरी और अन्य मुआवजे की मांग कर रहे हैं. बताया कि वे सोमवार को डीएम से मिले थे. उन्होंने (जिलाधिकारी) मुझे आश्वासन दिया कि परिवार को आवश्यक और पर्याप्त मुआवजा मिलेगा.बताया गया कि राम इकबाल सिंह के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा दो बेटियां और एक बेटा है जो नौवीं कक्षा में पढ़ता है. राम इकबाल सिंह की छोटी बहन प्रेम लता ने बोला कि वे सरकार से परिवार को पर्याप्त मुआवजा देने के लिए आग्रह करती हैं. उन्होंने बोला, "भाभी (इकबाल सिंह की पत्नी) को मुआवजे के तौर पर कोई सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए."


إرسال تعليق

0 تعليقات
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live