बिहार के पटना के गांधी मैदान में 70वीं बीपीएससी प्रीलिम्स की दोबारा परीक्षा कराने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया. बता दे कि जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर भी अभ्यर्थियों का समर्थन करने आए थे. उन्होंने शुरुआत में अभ्यर्थियों के मार्च का नेतृत्व किया, जिससे छात्र और ज्यादा उत्साह में दिखाई दिए. लेकिन, शाम 7 बजे के लगभग प्रशांत किशोर वापस चले गए. इसके बाद अभ्यर्थियों ने प्रशांत किशोर के विरुद्ध नारेबाजी की. बीपीएससी अभ्यर्थी सीएम आवास की तरफ मार्च करने लगे तो उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज और वॉटर कैनन का उपयोग किया.मीडिया से बातचीत के क्रम में एक बीपीएससी अभ्यर्थी ने बोला, "प्रशांत किशोर चोर हैं. अगर उन्हें आंदोलन का समर्थन करना था तो उन्हें यहीं रहना चाहिए था, वह चोर हैं और केवल सियासत करते हैं.
अभ्यर्थियों को कोई समर्थन नहीं करता,
छात्र खुद अपने आप लड़ता है. नीतीश कुमार चोर हैं, नीतीश कुमार की सरकार नहीं है. अफसरशाही है."वहीं पुलिस की तरफ से लाठीचार्ज और वॉटर कैनन का प्रयोग करने पर पीटीआई से बातचीत के क्रम में बीपीएससी अभ्यर्थी मुकेश यादव ने बोला कि अभ्यर्थियों के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है, जैसे हम कोई जानवर हैं. 12 दिन से हम भूखे-प्यासे परीक्षा रद्द कराने की मांग कर रहे हैं. सिर्फ एक शर्ट पहनी हुई है, ठंड लग रही है और ऊपर से पुलिस ने पानी की बौछार की है. ये अन्याय है.उन्होंने बोला कि हम पानी की बौछार से डरन वाले नहीं हैं. हम छात्र हैं, पढ़े-लिखे हैं, हम कोई उग्र आंदोलन नहीं कर रहे हैं, हम फिर से बिहार बंदी की मांग करेंगे. पूरे बिहार को बंद करेंगे. जब तक दोबारा परीक्षा नहीं होगी, तब तक हम पीछे हटने वाले नहीं हैं.