200-400 करोड़ रुपये में विधायक बनते हैं,
जिससे डेमोक्रेसी खतरे में हो गई है.उन्होंने बोला कि 600-700 करोड़ में सांसद बनते हैं, 30-40 करोड़ रुपये विधायक बनने में अब हिंदी पट्टी में लगने लग गया है. 50 करोड़ रुपये सांसद बनने में लग रहे हैं ये जो वेस्टेड मनी है और उसका ब्लैक मनी हो रहा है. इससे डेमोक्रेसी पर खतरा है पूंजीपति का आधिपत्य राजनीतिक जीवन में लोकतांत्रित मूल्यों में बढ़ता जा रहा है. ये सबसे जरूरी है कि हम इलेक्शन को पारदर्शी करें, डेमोक्रेसी की सेविंग करें संविधान को समझें.पप्पू यादव ने बोला कि वन नेशन, वन इलेक्शन कभी सेक्सेस नहीं होगा. अगर बीच में ही सरकार गिर गई या राष्ट्रपति शासन लग गया फिर छह महीने के बाद हमें सरकार बनानी पड़ गई. क्या इसके लिए आप पांच वर्ष इंतजार करेंगे या फिर वो छह महीने पांच वर्ष के बाद होंगे. ढाई वर्ष के भीतर सरकार गिर गई तो क्या इसके लिए 5 वर्ष सरकार बनाने का इंतजार करेंगे. ये कैसे हो सकता है. मुझे लगता है कि देश के लिए ये फैसला सही नहीं है.