इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डा. पवन कुमार अग्रवाल ने रविवार को यहां पदभार ग्रहण करने के बाद पहली ही प्रेस कांफ्रेस में व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं।*
उन्होंने आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा व लंबित भुगतान, चिकित्सा शिक्षा में मानकों की अनदेखी, चिकित्सकों की सुरक्षा तथा अवैध अस्पतालों पर ध्यान खींचा।
कहा कि आइएमए मानवसेवा को प्रथम वरीयता के साथ काम कर रही है, सरकार ने पांच साल पर अस्पतालों के नवीनीकरण की बात मान ली है, चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय स्तर पर कानून की बनाए जाने समेत कई मांगे लंबित है।
शाह क्लब में अभिनंदन समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत में आइएमए प्रदेश अध्यक्ष डा. अग्रवाल ने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत भुगतान न मिलने पर हरियाणा, पंजाब में चिकित्सकों ने उपचार से मना कर दिया है। यूपी में भी दो साल से करोड़ों का भुगतान बकाया है। सरकार ने 70 साल से अधिक उम्र के सीनियर सिटिजन के निश्शुल्क उपचार की योजना शुरू करके अच्छा कार्य किया, लेकिन जब उपचार ही नहीं होगा तो योजना किस काम की...।
उन्होंने चिकित्सकों की असुरक्षा का मुद्दा उठाया। बोले सड़क दुर्घटना व चोट लगने पर सर्जरी की तुरत आवश्यकता होती है, चिकित्सक परास्नातक में सबसे ज्यादा सर्जरी की डिग्री को पसंद करते थे, लेकिन असुरक्षा के चलते इस वर्ष मात्र 14 प्रतिशत चिकित्सकों ने ही सर्जरी को पसंद किया है।
शेष चिकित्सकों ने रेडियाेलोजी, फिजियालोजी, कम्यूनिटी मेडिसिन, पैथोलोजी जैसे विभागों में पीजी को वरीयता दी है, जो कि चिंतनीय है। उन्होंने कहा कि सुषेण वैद्य ने लक्ष्मण का उपचार किया, उन्हें न तो रावण ने नुकसान पहुंचाया न ही राम ने। जबकि इन दिनों चिकित्सक सबसे ज्यादा असुरक्षित है।
उन्होंने कहा किसी व्यक्ति की गलती से पूरी व्यवस्था को खत्म नहीं किया जाता है, लेकिन सरकार ने मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआइ) के अध्यक्ष पद पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए एमसीआइ को खत्म कर नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) का गठन कर दिया। क्योंकि एमसीआइ में चिकित्सकों का भी प्रतिनिधित्व था।
*निजी मेडिकल कालेज का किया जिक्र*
उन्होंने एक निजी मेडिकल कालेज का जिक्र किया, कहा कि एमसीआइ ने जिस मेडिकल कालेज को डिबार कर दिया था, एनएमसी ने उस मेडिकल कालेज के पीजी पाठ्यक्रम की स्वीकृति के साथ ही एमबीबीएस सीटों की क्षमता भी ढाई गुणा बढ़ा दी। यह सब कैसे हुआ, सभी जानते हैं। आइएमए प्रदेश अध्यक्ष डा. अग्रवाल ने कहा कि सरकार मेडिकल कालेज बना रही, चिकित्सा शिक्षकों के प्रबंध नहीं कर रही।
उन्होंने सवाल किया विद्यार्थी कंप्यूटर पर डमी के माध्यम से पढ़कर कुशल चिकित्सक कैसे सकते हैं? डा. अग्रवाल ने अवैध अस्पतालों को बड़ी समस्या बताया, कहा वार्ड ब्वायं अस्पतालों का संचालन कर रहे हैं, इससे मरीजों का अहित हो रहा है। सरकारी अस्पतालों में भी चिकित्सक नहीं है, इससे जनमानस को भारी नुकसान हो रहा है।
डा. अग्रवाल ने कहा निजी स्तर से 20 प्रतिशत तक गरीबों के लिए बेड आरक्षित रखते हैं, जिनसे अस्पताल का कोई खर्च नहीं लिया जाता है, यही अपेक्षा आइएमए के अन्य सदस्यो से भी की जाती है। इस अवसर पर आइएमए के स्थानीय अध्यक्ष एसके जैन, पूर्व अध्यक्ष डा. विजय पाठक, सचिव डा. गौरव मिश्रा, डा. यूडी कपूर मौजूद रहे।