बिहार के कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के सांसदों ने बुधवार (18 दिसंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नाम एक ज्ञापन सौंपकर सोन नदी पर जलाशय बनाने की मांग की. बता दें कि सोन नहर बिहार के रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, भोजपुर, पटना, कैमूर, बक्सर और गया जिलों से होकर गुजरती है. सांसदों ने कहा कि इस क्षेत्र को बिहार का धान का कटोरा भी बोला जाता है. यह देश के बहुफसली क्षेत्रों में से एक है. हालांकि, पर्याप्त पानी के अभाव में नहर हर वर्ष सूख जाती है.सांसदों ने इस मुद्दे के समाधान के लिए सोन नदी पर इंद्रपुरी जलाशय का निर्माण और नहरों के आधुनिकीकरण की मांग की है. भाकपा (माले) लिबरेशन के सांसद राजा राम सिंह और सुदामा प्रसाद, कांग्रेस सांसद मनोज कुमार तथा राजद के सांसद सुरेंद्र प्रसाद यादव एवं सुधाकर सिंह ने अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन पीएमओ के अधिकारियों को सौंपा.
भाकपा (माले) लिबरेशन द्वारा जारी एक वर्णन में दावा किया गया कि सांसदों ने अपना मुद्दा उठाने के लिए प्रधानमंत्री के साथ बैठक की मांग की थी.
हालांकि 40 मिनट तक प्रतिक्षा करने के बावजूद यह मुमकिन नहीं हो सका.सांसदों ने ज्ञापन के जरिए प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए बोला है कि 1874 में बनी ऐतहासिक सोन नहरें दम तोड़ रही हैं. इंद्रपुरी बराज से मिलने वाला पानी पर्याप्त नहीं है. नहरों के निचले भागो में पानी पहुंचाने के लिए रोहतास जिले के नौहट्टा ब्लॉक के मटिआंव गांव के पास जिसके दूसरी तरफ झारखंड का गढ़वा जिला है. इंदपुरी डैम के जल्द निर्माण और सोन नहरों के आधुनिकीकरण की जरुरत है. 1990 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इंद्रपुरी जलाशय का शिलान्यास भी किया था लेकिन आज तक ये परियोजना लंबित पड़ी हुई है. सिंचाई के लिए सोन के पानी का उपयोग करने वाला बिहार पहला राज्य रहा है.