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भाजपा ने 11 जिलों के लिए घोषित किए अध्यक्ष, इनमें दो महिलाएं; यहां देखें पूरी लिस्ट

संवाद 


पटना। सांगठनिक चुनाव के क्रम में भाजपा अभी जिलाध्यक्षों की घोषणा कर रही। सोमवार से इसकी शुरुआत हुई है। इस क्रम में मंगलवार को 11 सांगठनिक जिलों के अध्यक्षों के नाम घाेषित किए गए।

 पहली बार जिलाध्यक्ष बनाए गए पांच में से दो महिलाएं हैं और छह लोगों को लगातार दूसरी बार दायित्व मिला है।

बिहार में भाजपा ने संगठन स्तर पर 52 जिलों की परिकल्पना कर रखी है, जिसके अध्यक्षों के चयन-मनोनयन की औपचारिकता पहले ही पूरी हो चुकी है।

राष्ट्रीय नेतृत्व ने केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों, वरिष्ठ नेताओं के साथ पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों को जिलों में प्रेस-वार्ता कर जिलाध्यक्षों के नाम घोषित करने का दायित्व सौंपा है। ऐसा पहली बार हो रहा है।

 दो दर्जन सांगठनिक जिलों के अध्यक्षों के नाम घोषित

सोमवार और मंगलवार को मिलाकर अब तक दो दर्जन सांगठनिक जिलों के अध्यक्षों के नाम घोषित किए जा चुके हैं। सोमवार को जिन 13 जिलाध्यक्षों के नाम घाेषित हुए थे, उनमें से नौ को दूसरी बार पद संभालने का अवसर मिला है।

 इनको दोबारा मिला दायित्व:

किशनगंज में गोपाल मोहन सिंह, अररिया में आदित्य नारायण झा, अरवल में धर्मेन्द्र तिवारी, बांका में ब्रजेश मिश्रा, भोजपुर में दुर्गाराज, नवादा में अनिल मेहता दूसरी बार जिलाध्यक्ष बने हैं।
 इनको मिला पहला अवसर:

बगहा में रामेश्वर प्रसाद उर्फ अंचित लाला, शेखपुरा में रेशमा भारती, समस्तीपुर (उत्तरी) में नीलम सहनी, समस्तीपुर (दक्षिणी) में शशिधर झा, मोतिहारी में पवन राज को जिलाध्यक्ष के रूप में पहला अवसर मिला है।
इससे पहले, 77 हजार 392 बूथ में लगभग 55 हजार बूथ अध्यक्ष के नाम घोषित कर दिए गए। वहीं, कुल 1422 मंडल में 1340 मंडल अध्यक्ष के नाम की घोषणा पार्टी ने कर दी है।

ये बने जिलाध्यक्ष : वैशाली उत्तरी में अजब लाल साह, वैशाली दक्षिणी में अजय कुशवाहा, शिवहर में नीरज सिंह, सीतामढ़ी में मनीष गुप्ता, गोपालगंज में संदीप गिरि, बेगूसराय में राजीव कुमार वर्मा, मधेपुरा में दीपक कुमार, रक्सौल में अशोक पांडे, खगड़िया में शत्रुघ्न भगत, सुपौल में नरेंद्र कुमार ऋषिदेव, बेतिया में रूपक श्रीवास्तव।

 बीजेपी की सधी हुई रणनीति

उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लक्ष्य बनाकर भाजपा बहुत ही सधी हुई रणनीति के तहत जिलों में संगठन को गढ़ने की पहल कर रही है।

भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने स्थापना 45 वर्ष पूरे होने पर पहली बार केंद्रीय एवं राज्य मंत्रियों के साथ ही सांसद, वरिष्ठ नेता एवं जनप्रतिनिधियों के अतिरिक्त पार्टी पदाधिकारियों को जिलों में कूच करने का निर्देश दिया है।

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