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कब है मकर संक्रांति 14 या 15 जनवरी को? कंफ्यूजन करें दूर; जानें डेट, शुभ मुहूर्त और स्नान-दान का समय

 



हिंदू धर्म में मकर संक्रांति पर्व का विशेष महत्व है. इस दिन गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्यकारी फलों की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही मकर संक्रांति के दिन गरीब और जरूरतमंदों को दान करने से धन-धान्य में बढ़ोतरी होती है. बता दें कि मकर संक्रांति को देश के अन्य जगहों पर उत्तरायण, पोंगल, माघ बिहु और खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है. हर साल की तरह इस बार भी मकर संक्रांति की तारीख को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. लोग 14 और 15 जनवरी में कंफ्यूज हो रहे हैं. बता दें इस साल मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा. जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में गोचर यानी प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. वहीं, सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास का महीना भी खत्म हो जाएगा. चलिए इस दिन की कुछ मुख्य परम्पराओं के बारे में जानते हैं| 

मकर संक्रांति का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में यह पर्व विशेष महत्व रखता है। यह दिन सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है। इसे सूर्य के उत्तरायण होने का प्रारंभ भी कहा जाता है। इस खगोलीय घटना के साथ ही खरमास का समापन होता है, जिससे शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।

उत्तर भारत में मकर संक्रांति बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। इस दिन गंगा, सरयू और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। लोग स्नान के बाद दान-पुण्य और पूजा-पाठ करते हैं। इसके अलावा विभिन्न राज्यों में यह पर्व अपने-अपने सांस्कृतिक नामों से मनाया जाता है।

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