जमीन सर्वे को लेकर राज्यभर में फैली असमंजस और तनाव की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि भूमि सर्वे तब तक जारी रहेगा, जब तक हर व्यक्ति अपने दस्तावेज को बिना किसी परेशानी के जमा नहीं कर देता. सम्राट चौधरी ने साफ किया कि लोगों को दस्तावेज जमा करने के लिए किसी तरह की समय सीमा से बंधने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा है कि हमारी सरकार का उद्देश्य लोगों की संतुष्टि और सभी कागजातों की पारदर्शिता सुनिश्चित करना है. सर्वे के लिए कोई कट-ऑफ डेट नहीं तय की गई है और भविष्य में भी ऐसा नहीं किया जाएगा.यह घोषणा उन लोगों के लिए बड़ी राहत है, जो लगातार अंचल कार्यालयों के चक्कर काट रहे थे और समय सीमा को लेकर चिंतित थे. अब लोग बिना किसी जल्दबाजी के ऑनलाइन या ऑफलाइन अपने दस्तावेज जमा कर सकते हैं. आपको बता दें कि राज्यभर में 45,749 मौजों में से 38,211 मौजों में सर्वे का कार्य तेजी से चल रहा है. राज्य सरकार का मानना है कि इस सर्वे से जमीन विवादों का हल निकाला जा सकता है, ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो. शहरी और असर्वेक्षित 2,611 मौजों में सर्वे बाद में किया जाएगा.सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे जमीन सर्वे को लेकर फैली अफवाहों और भ्रांतियों पर विश्वास न करें. यह सर्वे आपके अधिकारों और जमीन की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है. सरकार का स्पष्ट संदेश है कि आपकी सुविधा और संतुष्टि सबसे पहले है, और सर्वे प्रक्रिया आपकी सहूलियत को ध्यान में रखकर ही की जा रही है. उनका कहना है कि हम तब तक सर्वे जारी रखेंगे, जब तक हर नागरिक संतुष्ट न हो जाए और सभी दस्तावेज सही तरीके से जमा न हो जाए.