बिहार सरकार ने हाल ही में जमीन रजिस्ट्री के नियमों में कई बदलाव किए हैं। इन नए नियमों का मुख्य उद्देश्य जमीन से जुड़े विवादों को कम करना और रजिस्ट्री प्रक्रिया को आसान बनाना है। अब जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए कई नए दस्तावेज और प्रक्रियाएं जरूरी हो गई हैं।इन नए नियमों के तहत अब केवल वही व्यक्ति जमीन बेच सकता है जिसके नाम पर जमीन दर्ज है। पहले की तरह अब दादा या परदादा के नाम की जमीन को सीधे नहीं बेचा जा सकता। साथ ही रजिस्ट्री के समय कई नए फॉर्म भरने होंगे और घोषणापत्र देना होगा। इन बदलावों से जमीन की खरीद-बिक्री में पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जी रजिस्ट्री पर रोक लगेगी।बिहार जमीन रजिस्ट्री नियम राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देश हैं जो जमीन की खरीद-बिक्री और रजिस्ट्री प्रक्रिया को नियंत्रित करते हैं। इन नियमों के तहत:
अब केवल वही व्यक्ति जमीन बेच सकता है जिसके नाम पर जमीन दर्ज है
रजिस्ट्री के समय 15 बिंदुओं वाला एक घोषणापत्र भरना होगा
ऑनलाइन वेरिफिकेशन अनिवार्य हो गया है
स्टांप पेपर की जगह इलेक्ट्रॉनिक स्टांपिंग शुरू की गई है
आधार कार्ड का उपयोग अनिवार्य किया गया हैबिहार जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं:
केवल मालिक ही जमीन बेच सकता है – अब सिर्फ वही व्यक्ति जमीन बेच सकता है जिसके नाम पर जमीन दर्ज है। पहले की तरह दादा या परदादा के नाम की जमीन को सीधे नहीं बेचा जा सकता।