प्रशासन और सरकार को सोचना चाहिए कि उनका दोष क्या है.
उन्होंने बोला कि प्रशांत किशोर को यहां से ऐसे ले जाकर गया जैसे वो कोई दोषी या आतंकवादी हो. एक अन्य समर्थक ने बोला कि प्रशांत किशोर पर हाथ चलाना बिल्कुल निंदनीय है. क्योंकि उन्होंने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया. वे एक जगह पर सत्याग्रह कर रहे थे. सरकार इस एकता से डरती है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी मानसिक स्थिति खो चुके हैं. दिवाकर भूषण नाम के समर्थक ने बोला कि प्रशांत किशोर को जब हिरासत में लिया गया तो पुलिस ने उनका चश्मा भी उतारकर फेंक दिया. दिवाकर भूषण ने पुलिस पर गाली-गलौच करने और उनके साथ मारपीट कर जख्मी करने का इल्जाम लगाया.
वहीं जन सुराज की ओर से पुलिस प्रशासन पर प्रशांत किशोर का अनशन तुड़वाने का प्रयास करने का इल्जाम भी लगाया गया हैं. जन सुराज के एक्स पर पोस्ट कर लिखा गया कि पुलिस प्रशासन ने प्रशांत किशोर को एम्स ले जाकर अनशन तुड़वाने का प्रयत्न किया है. अनशन तुड़वाने पर असफल होने पर प्रशांत किशोर को नई जगह ले जाने की कोशिश की जा रही है.