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BPSC परीक्षा का क्या है पूरा विवाद? परीक्षा से लेकर छात्रों के विरोध तक, पढ़ें पूरी टाइमलाइन


संवाद 


बिहार में BPSC 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन निरंतर जारी है. इससे बिहार की राजनीति भी गरमाई हुई है, इसी बीच आज(4 जनवरी) बापू परीक्षा परिसर की रद्द हुई परीक्षा होने जा रही है. जिसके लिए पटना में 22 सेंटर बनाए गए हैं. यहां 12 से 2 बजे तक परीक्षा होनी है. वहीं दोबारा परीक्षा कराने की मांग पर अड़े छात्रों का आंदोलन तेज होता जा रहा है. तो आइए पढ़ते है इस पूरे विवाद में कब क्या हुआ.BPSC ने पहली बार संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के लिए अक्टूबर 2024 में 27 विभागों में 2027 पदों पर वैकेंसी निकाली. जिसके लिए 4.80 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. 13 दिसंबर को परीक्षा का आयोजन किया गया. इस परीक्षा में 3.25 लाख अभ्यर्थी सम्मिलित हुए. परीक्षा के लिए 36 जिलों में 912 सेंटर बनाए गए अकेले पटना में 65 केंद्र बनाए गए.पटना के बापू परीक्षा परिसर में करीब 12000 अभ्यर्थियों का सेंटर पड़ा था, जहां लगभग ढाई हजार अभ्यर्थी परीक्षा नहीं दे पाए थे. जिससे विवाद छिड़ गया. अभ्यर्थियों ने सेंटर के बाहर जमकर बवाल किया. 

छात्रों ने पेपर लेट मिलने और लीक होने का इल्जाम लगाया. 

बीपीएससी और पटना जिला प्रशासन मे अभ्यर्थियों के आरोपों को बेबुनियाद बताया. बवाल करने के इल्जाम में 60 से अधिक अभ्यर्थियों पर केस भी दर्ज किया. वहीं बवाल के चलते BPSC ने 16 दिसंबर को बापू परीक्षा परिसर के छात्रों की परीक्षा रद्द कर दी. इसे बाद 19 दिसंबर को रि-एग्जाम की तारीख का ऐलान किया है. जिसके लिए 4 जनवरी 2025 की तारीख तय हुई. लेकिन छात्रों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है उनका बोलना है कि सिर्फ एक सेंटर की नहीं बल्कि सभी सेंटर की परीक्षा दोबारा करवाई जाए. बीपीएससी ने ऐसा करने से मना कर दिया. जिसको लेकर बीपीएससी अभ्यर्थी 18 दिसंबर से पटना के गर्दनीबाग में धरने पर बैठे हैं और पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.25 दिसंबर को अभ्यर्थी बीपीएससी कार्यालय के सामने प्रदर्शन करने आए थे. जहां पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया. 28 दिसंबर को अभ्यर्थियों को मनाने के लिए पटना के कई अधिकारी भी आए. लेकिन छात्र अपनी मांग पर अड़े रहे. 28 दिसंबर को जनसुराज संस्थापक प्रशांत किशोर छात्रों के बीच पहुंचे उन्होंने गांधी मैदान में छात्र संसद करने की बात कही. लेकिन प्रशासन की ओर से छात्र संसद की अनुमति नहीं मिली. इसके बावजूद छात्र 29 दिसंबर को गांधी मैदान में जुटने लगे.प्रशांत किशोर भी वहां पहुंचे, लेकिन उनके जाने के बाद जब अभ्यर्थी आवास का घेराव करने जा रहे थे तब उनपर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन से पानी की बौछार भी की. इस क्रम में कई अभ्यर्थियों को चोट भी लगी. पुलिस ने प्रशांत किशोर समेत सैकड़ों अभ्यर्थियों पर केस भी दर्ज किया. 30 दिसंबर को अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव से मिला. लेकिन यहां भी छात्रों की बात नहीं बन पाई तब उन्होंने प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया. 30 दिसंबर को निर्दलीय सांसद पप्पू यादव भी छात्रों के समर्थन में राज्यपाल से मिले. इसी दिन बीपीएससी अध्यक्ष ने भी राज्यपाल से भेंट की. 2 जनवरी को प्रशांत किशोर गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठ गए. प्रशासन ने उन्हें वहां से हटने की चेतावनी दी, उन्हें नोटिस भी दिया लेकिन फिर भी वे धरने पर बैठे हैं. 3 जनवरी को पप्पू यादव के आह्वान पर उनके समर्थक सड़कों पर उतरे उन्होंने रेल और सड़क मार्ग को बाधित किया. वहीं आज 4 जनवरी को पटना के 22 सेंटरों पर बापू सेंटर के अभ्यर्थियों का रि-एग्जाम करवाया जा रहा है और प्रशांत किशोर का आमरण अनशन तीसरे दिन भी जारी है.

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