पासवान ने बोला कि उन्हें बताया गया कि कई केंद्रों पर, प्रश्नपत्र पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं थे.
इसलिए, इन्हें आधिकारिक तौर पर परीक्षा शुरू होने के बाद छापा गया. केंद्रीय मंत्री ने दावा करते हुए बोला कि कुछ ही समय बाद, ये प्रश्नपत्र व्हाट्सएप और‘एक्स’ जैसे सोशल मीडिया मंचों पर सभी के लिए उपलब्ध हो गए थे. केंद्रीय मंत्री ने इन शिकायतों पर ध्यान नहीं दिए जाने के लिए बीपीएससी अधिकारियों की आलोचना की और पूछा कि अगर आयोग को इतना यकीन था कि सब कुछ ठीक है, तो उसने एक केंद्र के लिए फिर से परीक्षा का निर्देश क्यों दिया? पिछले महीने राज्य के 911 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें बापू परीक्षा केंद्र भी सम्मिलित है, जहां 12,000 अभ्यर्थियों को फिर से परीक्षा देने का निर्देश दिया गया था. पासवान इस बात से हैरान थे कि इस महीने की शुरुआत में ‘22 केंद्रों पर’ दोबारा परीक्षा आयोजित की गई थी. उन्होंने जोर देकर बोला अपकि वे अन्य अभ्यर्थियों की इस दलील का ‘पूरी तरह से समर्थन’ करते हैं कि उन्हें समान अवसर नहीं दिया जा रहा है.केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मेरा मानना है कि सिर्फ एक या दो केंद्रों के लिए नहीं बल्कि पूरी परीक्षा रद्द कर दी जानी चाहिए और नए सिरे से आयोजित की जानी चाहिए. बीपीएससी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मानक संचालन प्रक्रिया का पालन किया जाए. मैंने पहले भी यह राय व्यक्त की है और जब तक युवाओं की आवाज नहीं सुनी जाती, मैं ऐसा करना जारी रखूंगा.