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कंपकंपा देने वाली ठंड के बीच प्रशांत किशोर के आमरण अनशन का दूसरा दिन, FIR दर्ज, कहे- ‘डंडे के नीचे...’


संवाद 


बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर गुरुवार शाम 5 बजे से गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के नीचे आमरण अनशन पर बैठे हैं. बता दें कि राजधानी पटना में 12 डिग्री की कड़कड़ाती ठंड के बीच धरने पर बैठे प्रशांत किशोर ने एबीपी न्यूज से बातचीत के क्रम में बोला कि यू हैव ए जॉब टू डू. जब एक बार बोल दिया कि बैठेंगे तो बैठे हैं. ये कोई नया अनुभव नहीं है, मैं पहली बार ठंड में नहीं बैठा हूं. 2 वर्ष से पैदल चल रहा हूं गांव-गांव गया हूं.प्रशांत किशोर से जब पूछा गया कि आप गैर कानूनी तरीके से यह आमरण अनशन कर रहे हैं और सरकार बोल रही है कि यह जगह प्रदर्शन के लिए नहीं है? इसपर उन्होंने बोला कि इसमें क्या गैर कानूनी है. मैं न धरना कर रहा हूं न ही प्रदर्शन कर रहा हूं, मैं अनशन पर बैठा हूं. एक सत्याग्रह कर रहे हैं. दिल्ली में किसान कई महीनों से सड़कों पर बैठकर आंदोलन कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर वहां डटे हुए हैं, जहां वे धरना प्रदर्शन कर रहे हैं वो भी धरना प्रदर्शन और अनशन के लिए प्रस्तावित जमीन नहीं है, सरकार ने वहां भी परमिशन नहीं दी है.जन सुराज संस्थापक ने आगे बोला कि पब्लिक प्लेस पर बिना कोई उपद्रव किए, बिना सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाए अगर आप अपनी बात को रख रहे हैं, अनशन कर रहे हैं तो इसमें कोई गलत बात नहीं है. प्रशांत किशोर ने यह भी बोला कि पटना में कई जगह पर लोग अनऑथराइज्ड रह रहे हैं. 

क्या प्रशासन उनको हटाकर खाली कर लेगा, यह जबरदस्ती की बात है. 

वहीं जब प्रशांत किशोर से पूछा गया कि बापू के डंडे के नीचे बैठकर यह लड़ाई और कितनी मजबूत करेंगे आप? इसपर उन्होंने बोला कि डंडे के नीचे बैठकर लड़ाई मजबूत नहीं होती. मैं कैरेक्टर से मजबूत हूं किस विषय पर यह लड़ाई लड़ी जा रही है इसपर मजबूत हूं, जो लड़ रहे हैं उससे मजबूत होगी. बापू ने जो समझाया वह सुनने समझने और अमल करने वाली बात है. उन्होंने बोला कि सिर्फ मूर्ति लगाने से आप बापू के फॉलोअर नहीं हो जाएंगे.दूसरी ओर पटना के गांधी मैदान में अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर के विरुद्ध गांधी मैदान थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. पटना जिला प्रशासन ने गुरुवार रात प्रशांत किशोर को नोटिस जारी किया था. इसमें गांधी मैदान खाली करने की बात कही गई थी. गांधी मैदान खाली न करने की स्थिति में प्रशासन ने उन पर मुकदमा दर्ज करने की भी चेतावनी दी थी साथ ही पूरे प्रोग्राम को अवैध बताते हुए उन्हें गर्दनीबाग धरनास्थल पर जाने को कहा गया. इसके बावजूद प्रशांत किशोर का आमरण अनशन आज दूसरी दिन भी जारी है.एफआईआर दर्ज होने पर प्रशांत किशोर ने बोला कि प्रशासन केवल अपना समय बर्बाद कर रहा है. मेरे विरुद्ध पहले से ही FIR दर्ज की गई थी, उन्हें पहले उसी पर कार्रवाई करनी चाहिए थी. दिल्ली में जो किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करने की अनुमति किसने दी है? अगर दिल्ली की सड़कों पर बैठकर कोई प्रदर्शन कर सकता है तो बिहार के गांधी मैदान में बैठकर कोई प्रदर्शन क्यों नहीं कर सकता है?

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