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बिहार खेल विश्वविद्यालय राजगीर को UGC से मिली मान्यता, प्रस्तावित पाठ्यक्रम के बारे पढ़िए


संवाद 

नालंदा के बिहार खेल विश्वविद्यालय, राजगीर को यूजीसी से मान्यता प्राप्त हो गई है. बता दें कि राजगीर स्थित बिहार खेल विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के तहत विधिवत मान्यता मिल गई है. यह उपलब्धि राज्य के खेल और शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.अब विश्वविद्यालय को शारीरिक शिक्षा और खेल विज्ञान में स्नातक और डिप्लोमा/स्नातकोत्तर डिप्लोमा (PGD) जैसे शैक्षणिक पाठ्यक्रमों को शुरू करने का अधिकार प्राप्त हो गया है.

1. स्पोर्ट्स कोचिंग में डिप्लोमा/स्नातकोत्तर डिप्लोमा (PGD): यह पाठ्यक्रम दो या तीन प्रमुख खेलों में विशेषज्ञता प्रदान करेगा.
2. योग में डिप्लोमा/स्नातकोत्तर डिप्लोमा (PGD): योग को प्रोत्साहित करने और पेशेवर शिक्षा प्रदान करने के लिए.
3. 4-वर्षीय Bachelor of Physical Education (बी.पी.एड.) (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद [NCTE] से अनुमोदन के अधीन).

बिहार खेल विश्वविद्यालय का मकसद शारीरिक शिक्षा और खेल विज्ञान के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना है.

 यह विश्वविद्यालय न केवल छात्रों को शैक्षिक योग्यता प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें खेलों में भी सशक्त बनाएगा. विश्वविद्यालय के कुलपति ने बोला, "यह मान्यता बिहार के युवाओं के लिए खेल और शिक्षा के क्षेत्र में नए मौके प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त करेगी. हमारा प्रयास है कि विश्वविद्यालय भारत को खेल शिक्षा में अग्रणी बनाए.बीते वर्ष 2024 में ही 29 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नालंदा के राजगीर खेल परिसर स्थित राज्य खेल अकादमी और बिहार खेल विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया था. ये विश्वविद्यालय 72 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है. इसके 18 एकड़ में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम है, जिसमें 40,000 दर्शकों की बैठने की क्षमता है. बता दें कि राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के मकसद से स्वतंत्र खेल विभाग का भी गठन किया गया है. जो खेल अकादमी के जरिए राज्य के खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का वैज्ञानिक प्रशिक्षण (आवासीय एवं गैर आवासीय) एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराएगा.

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