बोर्ड ने इस आदेश की प्रति पुलिस महानिदेशक (बिहार) और मगध रेंज के पुलिस महानिरीक्षक को भी दिया है.
आदेश के अनुपालन के लिए इसकी प्रति जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक जहानाबाद को भी भेज दी गई है. 11 पन्नों के आदेश में बोर्ड ने बोला है कि यह एक विधि विवादित बच्चे के मानव अधिकार, मौलिक अधिकार और संवैधानिक अधिकार के हनन का गंभीर मामला है. बोर्ड ने पाया है कि किशोर को बिना गिरफ्तारी मेमो के थाने में रख कर पीटा गया और बुरी तरह प्रताड़ित किया गया.बोर्ड ने ऐसा पाया है कि पुलिस अधीक्षक ने निर्देश की अवहेलना जानबूझकर की है जिसके वजह से आज तक यह मामला बोर्ड में लंबित है. बोर्ड ने इस अनावश्यक विलंब के लिए पुलिस अधीक्षक पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए 30 सितंबर तक मांई गई पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने का अंतिम मौका दिया है.