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रेक्जाविक अंतरराष्ट्रीय खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे बिहार के शम्स आलम, पढ़ें क्या बोला


संवाद 


भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) एनसीओई गांधीनगर ने बुधवार (22 जनवरी) को एक खास विदाई समारोह में प्रसिद्ध पैरा तैराक शम्स आलम को सम्मानित किया. शम्स आलम 24 से 26 जनवरी तक आइसलैंड के रेक्जाविक अंतरराष्ट्रीय खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले हैं. इसको लेकर एनसीओई गांधीनगर प्रभारी कार्तिकेन ने शम्स आलम को सफल यात्रा की बधाई दीं. वरिष्ठ मुख्य कोच रीना दास और कोच जगनारायण सिंह ने भी शम्स का हौसला बढ़ाते हुए उनके शानदार प्रदर्शन की आशा जताई.शम्स आलम के विदाई समारोह में उनके साथी पैरा तैराकों ने भी हिस्सा लिया और उनके समर्थन में शुभकामनाएं दीं. शम्स आलम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेने के लिए बेहद उत्साहित हैं. उन्होंने बोला कि रेक्जाविक अंतरराष्ट्रीय खेलों में भाग लेना मेरे लिए गर्व की बात है. मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा और भारत का नाम रोशन करने की पूरी कोशिश करूंगा.

 यह वर्ष की शानदार शुरुआत करने का बेहतरीन मौका है.

शम्स आलम की इस यात्रा से भारतीय पैरा खेलों को नई ऊंचाइयां मिलेंगी और यह उनके करियर में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होगी. भारतीय खेल जगत ने भी उनके शानदार प्रदर्शन की आशा जताई है.शम्स आलम मधुबनी के राठोस गांव के रहने वाले है. 17 जुलाई 1986 को उनका जन्म हुआ. उनके पिता का नाम मोहम्मद नसीर है. शम्स आलम का बचपन मधुबनी में ही बीता. उन्हें बचपन से ही तैराकी का शौक था. 24 वर्ष की उम्र में शम्स आलम की रीढ की हड्डी के निचले हिस्से में ट्यूमर हो जाने की वजह से उनका पूरा जीवन बदल गया था. कई असफल सर्जरी की वजह से वे चलने-फिरने में असमर्थ हो गए.हालांकि शम्स ने पैरालिम्पिक्स में पहुंचने के सपने को नहीं छोड़ा. वर्ष 2018 में वे एशियाई पैरा गेम्स में चौथे नंबर पर रहे. पिछले वर्ष (2024) ग्वालियर में आयोजित नेशनल पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में शम्स आलम ने 200 मीटर की एसएम 5 व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड जीता है. 100 मीटर बटरफ्लाई एस5 में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था. इसके अलावा 50 मीटर फ्रीस्टाइल में कांस्य पदक जीता.


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