प्रयागराज महाकुंभ 2025 में एक भावुक कर देने वाला दृश्य देखने को मिला। एक मां, जिसने 5 साल पहले अपने लापता बेटे का श्राद्ध कर दिया था, उसने उसी बेटे को गले लगाकर रो-रोकर अपना दर्द बयां किया।
क्या है पूरी कहानी?
दरअसल, उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले का रहने वाला 17 वर्षीय अमित (काल्पनिक नाम) साल 2019 में अचानक लापता हो गया था। परिजनों ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। समय बीतने के साथ मां-बाप ने मान लिया कि अमित अब इस दुनिया में नहीं रहा। परिवार ने धार्मिक परंपरा के अनुसार उसका श्राद्ध कर्म भी कर दिया था।
कैसे हुआ चमत्कारी मिलन?
अमित के माता-पिता महाकुंभ में गंगा स्नान के लिए आए थे। उसी दौरान सेवा दल द्वारा लावारिस बच्चों के लिए बनाए गए एक शिविर में उन्होंने अपने बेटे को देखा। पहले तो उन्हें यकीन नहीं हुआ, लेकिन जब उन्होंने अमित से बात की और पहचान पक्की की, तो मां ने उसे दौड़कर गले से लगा लिया।
अमित ने बताया अपनी आपबीती
अमित ने बताया कि वह 5 साल पहले किसी ट्रेन में चढ़ गया था और रास्ता भटक गया। इस दौरान वह अलग-अलग शहरों में भटकता रहा और अंततः प्रयागराज में आकर एक आश्रय गृह में रहने लगा। उसे अपने परिवार का पता याद नहीं था, इसलिए वह वापस नहीं लौट सका।
परिवार में खुशी का माहौल
अमित के मिलने के बाद पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। उसकी मां ने कहा, "मैंने सोचा था कि मेरा बेटा अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन महाकुंभ में उसका मिलना किसी चमत्कार से कम नहीं है।"
प्रशासन और सेवा दल का धन्यवाद
अमित के माता-पिता ने प्रशासन और सामाजिक संगठनों का आभार जताया, जिन्होंने महाकुंभ में गुमशुदा लोगों को उनके परिवार से मिलाने का अभियान चलाया हुआ है। इस घटना ने सभी की आंखों को नम कर दिया और यह साबित कर दिया कि कभी-कभी चमत्कार सच में होते हैं।