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राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल का देहांत, गंगाराम अस्पताल में ली अंतिम सांस


संवाद 


राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी और पूर्व बिहार विधान परिषद के सदस्य कामेश्वर चौपाल का देहांत हो गया है. दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में 68 वर्ष की उम्र में कामेश्वर चौपाल अंतिम सांस ली है. वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे. कामेश्वर चौपाल ने ही राम मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखी थी. संघ ने उन्हें प्रथम कार सेवक का दर्जा दिया था.अयोध्या में भगवान श्री राम लला के भव्य मंदिर में 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा की गई. लेकिन राम मंदिर आंदोलन में 9 नवंबर 1989 को पहली आधारशिला रखने वाले कामेश्वर चौपाल ही थे. उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 9 नंवबर की तारीख इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो गई है. इसके बाद 9 नवंबर 2019 को ही राम मंदिर के पक्ष में निर्णय आया था. राम मंदिर की आधारशिला रखने वाले कामेश्वर चौपाल विधिवत रूप से बीजेपी में सम्मिलित हुए थे.

 उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें पहली बार बीजेपी ने उन्हें चुनाव मैदान में उतारा.

 1991 में उन्हें रोसड़ा लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था. लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद 1995 में उन्हें बेगूसराय की बखरी विधानसभा से टिकट दिया गया था. यहां भी उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा. इसके बाद 2002 में कामेश्वर चौपाल को बिहार विधान परिषद का सदस्य बनाया गया. 2014 तक वे विधान परिषद के सदस्य ही रहे. 2024 में बीजेपी ने उन्हें फिर से लोकसभा चुनाव में उतारा. कामेश्वर चौपाल को सुपौल सीट से टिकट दिया गया. लेकिन यहां उन्हें जीत नहीं मिल पाई. 2020 में बिहार में डिप्टी सीएम पद के लिए भी उनका नाम खूब चर्चाओं में रहा था.बता दें कि 24 अप्रैल 1956 में जन्में कामेश्वर चौपाल ने जेएन कॉलेज मधुबनी से स्नातक की परीक्षा पास की थी. 1985 में मिथिला विश्विद्यालय दरभंगा से उन्होंने एमए की डिग्री ली थी.


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