बिहार में सियासी गर्मी बढ़ाने वाला एक और बयान सामने आया है। दरभंगा की एक मेयर अंजुम आरा ने कहा है कि "होली के दौरान 2 घंटे के लिए ब्रेक लगना चाहिए", ताकि लोग आराम कर सकें और स्थिति नियंत्रण में रहे। उनके इस बयान के बाद सियासी घमासान मच गया है। बीजेपी ने इसे तुरंत आड़े हाथों लिया और कहा कि "वो समाज में आग लगाना चाहती हैं।"
क्या कहा दरभंगा की मेयर ने?
दरभंगा की मेयर अंजुम आरा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा,
"होली बिहार की सबसे बड़ी परंपरा है, लेकिन हमें इस दौरान कुछ अनुशासन भी रखना चाहिए। मेरी राय में 2 घंटे का ब्रेक होना चाहिए ताकि लोग थोड़ा रुकें, शांत रहें और कानून-व्यवस्था भी बनी रहे।"
BJP का तीखा पलटवार
BJP नेताओं ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर ने कहा
"होली आनंद और उल्लास का पर्व है। JDU नेता समाज में फूट डालने और लोगों के त्योहार को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं। उनकी मंशा आग लगाने की है।"
सामान्य लोगों की क्या राय?
इस बयान पर आम जनता भी दो धड़ों में बंट गई है। कुछ लोगों का मानना है कि त्योहारों के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह सुझाव अच्छा है, जबकि कई लोगों का कहना है कि "होली सिर्फ एक दिन का त्योहार है, इसमें रोक-टोक की कोई जरूरत नहीं है।"
राजनीतिक हंगामा जारी
JDU ने अभी तक इस विवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन पार्टी के कई नेताओं ने इसे मेयर की "व्यक्तिगत राय" बताया है। हालांकि, BJP इस मुद्दे को भुनाने में जुट गई है और इसे जनता की स्वतंत्रता पर हमला बता रही है।
क्या इस बयान से होली का मजा खराब होगा, या यह सिर्फ एक राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित रहेगा? यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।
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