रेलवे के क्षेत्र में भारत ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। देश की सबसे सस्ती ट्रेन ने स्पीड के मामले में वंदे भारत और राजधानी एक्सप्रेस को भी पीछे छोड़ दिया है। इस ट्रेन की खासियत सिर्फ इसकी तेज रफ्तार ही नहीं, बल्कि इसका बेहद किफायती किराया भी है, जो यात्रियों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं।
क्या है यह ट्रेन?
यह ट्रेन सेमी-हाई स्पीड कैटेगरी में आती है और किफायती किराए की वजह से यात्रियों के बीच बेहद लोकप्रिय हो रही है।
AC कोच का किराया मात्र 68 पैसे प्रति किलोमीटर है, जो राजधानी और वंदे भारत से भी सस्ता है।
इस ट्रेन को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है और यह तेज रफ्तार के बावजूद यात्रियों को किफायती सफर का अनुभव देती है।
स्पीड में कैसे छोड़ा पीछे?
यह ट्रेन 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंचने में सक्षम है, जो वंदे भारत और राजधानी एक्सप्रेस को कड़ी टक्कर देती है।
बेहतर इंजन तकनीक और उन्नत कोच डिजाइन की वजह से यह ट्रेन हाई-स्पीड में भी स्मूद सफर प्रदान करती है।
ट्रैक और इंजन अपग्रेडेशन के चलते इसे बेहतर एक्सेलरेशन और डिकेलरेशन मिला है, जिससे इसकी औसत स्पीड वंदे भारत और राजधानी से भी अधिक हो गई है।
किराए में सबसे सस्ती ट्रेन क्यों?
रेलवे ने इस ट्रेन को आम जनता के लिए बनाया है, इसलिए इसका किराया न्यूनतम रखा गया है।
AC कोच का किराया सिर्फ 68 पैसे प्रति किमी है, जबकि राजधानी और वंदे भारत में यह दर 1.20 से 1.50 रुपये प्रति किमी तक होती है।
रेलवे इस ट्रेन को मास ट्रांसपोर्टेशन के रूप में बढ़ावा देना चाहता है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग सफर कर सकें।
यात्रियों के लिए क्या फायदे?
तेज और किफायती सफर – कम खर्च में ज्यादा दूरी तय कर सकते हैं।
आधुनिक सुविधाएं – आरामदायक सीटें, चार्जिंग पॉइंट, बायो-टॉयलेट आदि।
सुरक्षा और समय की बचत – कम समय में ज्यादा दूरी तय करने की सुविधा।
रेलवे के इस कदम से अब आम यात्री भी सुपरफास्ट ट्रेनों में सफर का आनंद उठा सकते हैं।