बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव का नाम एक ऐसे नेता के रूप में लिया जाता है, जिन्होंने हमेशा गरीबों, पिछड़ों और वंचित वर्गों के हक की लड़ाई लड़ी। इन्हें 'गरीबों का मसीहा' यूं ही नहीं कहा जाता, इसकी एक झलक हाल ही में सामने आई एक तस्वीर में देखने को मिली।
क्या है इस तस्वीर में खास?
➡ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस तस्वीर में लालू यादव गरीबों, किसानों और आम जनता के बीच बैठकर बातचीत करते नजर आ रहे हैं।
➡ यह कोई नई बात नहीं है, लालू यादव हमेशा से ही मिट्टी से जुड़े नेता माने जाते हैं, जिन्होंने सत्ता में रहते हुए भी गरीबों के बीच समय बिताना नहीं छोड़ा।
➡ इस तस्वीर ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि बिहार की राजनीति में लालू यादव का कद क्यों इतना बड़ा है।
गरीबों के लिए लिए गए बड़े फैसले
➡ मंडल आयोग की सिफारिश लागू कराने में अहम भूमिका।
➡ रेल मंत्री रहते हुए गरीबों को रोजगार और सस्ती यात्रा की सुविधा दी।
➡ बिहार के सामाजिक न्याय आंदोलन के सबसे बड़े चेहरे।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
➡ लालू समर्थकों का कहना है कि 'ऐसे नेता बार-बार नहीं आते, यही असली गरीबों का मसीहा है।'
➡ विरोधियों का कहना है कि 'यह सिर्फ राजनीति का हिस्सा है, लालू यादव का असली चेहरा कुछ और है।'
निष्कर्ष
लालू यादव की यह तस्वीर एक बार फिर उन्हें गरीबों के नेता के रूप में स्थापित कर रही है। चाहे राजनीति में उनका दौर उतार-चढ़ाव भरा रहा हो, लेकिन उनके समर्थक आज भी उन्हें गरीबों की आवाज मानते हैं।
➡ आप इस तस्वीर और लालू यादव की राजनीति को कैसे देखते हैं?
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