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पुराना मोबाइल बेचने से पहले रहें सतर्क! तेलंगाना में पकड़े गए बिहार के अपराधियों ने किया बड़ा खुलासा


संवाद 

 अगर आप पुराना मोबाइल बेचने की सोच रहे हैं, तो जरा सतर्क हो जाइए! तेलंगाना पुलिस ने बिहार के एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो पुराने मोबाइल खरीदकर उनका गलत इस्तेमाल कर रहा था। पुलिस की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है।

कैसे हुआ गिरोह का भंडाफोड़?

तेलंगाना पुलिस ने एक साइबर फ्रॉड केस की जांच के दौरान बिहार के गैंग का सुराग लगाया। इस गैंग के सदस्य पुराने मोबाइल फोन खरीदते थे और उन्हें नए IMEI नंबर के साथ इस्तेमाल कर साइबर ठगी, बैंक धोखाधड़ी और आपराधिक वारदातों को अंजाम देते थे।

पुलिस ने हैदराबाद, वारंगल और करीमनगर से इस गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया, जिनमें से 3 बिहार के रहने वाले हैं। इनके पास से 100 से अधिक मोबाइल, 200 से ज्यादा सिम कार्ड और कई फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

कैसे होता था फर्जीवाड़ा?

1. सस्ते दाम में खरीदते थे पुराने मोबाइल – ऑनलाइन या लोकल दुकानों से लोग अपने पुराने फोन बेचते थे, जिसे यह गैंग कम दाम पर खरीद लेता था।


2. IMEI नंबर बदलकर बनाते थे नया फोन – तकनीकी एक्सपर्ट्स की मदद से मोबाइल के IMEI नंबर बदल दिए जाते थे, जिससे इसे ट्रैक करना मुश्किल हो जाता था।


3. ठगी और अपराध में इस्तेमाल – इन फर्जी मोबाइल और सिम कार्ड का इस्तेमाल ऑनलाइन फ्रॉड, बैंकिंग ठगी और अन्य आपराधिक गतिविधियों में किया जाता था।


4. चोरी के मोबाइल की कालाबाजारी – गैंग चोरी किए गए मोबाइल को भी नए IMEI नंबर के साथ दूसरे राज्यों में बेचता था।



मोबाइल बेचने से पहले ये सावधानियां जरूर बरतें

✔ मोबाइल को पूरी तरह रीसेट करें – किसी भी डिवाइस को बेचने से पहले फैक्ट्री रीसेट (Factory Reset) करना जरूरी है।
✔ IMEI नंबर नोट करके रखें – IMEI नंबर चेक करने के लिए *Dial #06# और इसे कहीं सुरक्षित नोट कर लें।
✔ Google & iCloud अकाउंट लॉगआउट करें – किसी भी ऑनलाइन डेटा एक्सेस को रोकने के लिए अपने Google, iCloud और अन्य अकाउंट से लॉगआउट करें।
✔ विश्वसनीय प्लेटफॉर्म पर ही बेचें – फोन बेचने के लिए सिर्फ विश्वसनीय वेबसाइटों या दुकानों का इस्तेमाल करें।

बिहार पुलिस भी सतर्क!

तेलंगाना पुलिस के इनपुट के बाद बिहार पुलिस भी इस गिरोह के लिंक की जांच कर रही है। आशंका है कि इस गैंग के तार पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर तक फैले हो सकते हैं। बिहार पुलिस ने जनता से अपील की है कि अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति पुराने मोबाइल की खरीद-फरोख्त करता दिखे तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन को सूचित करें।

निष्कर्ष:

अगर आप पुराना मोबाइल बेचने की सोच रहे हैं, तो अत्यधिक सतर्क रहें। यह गिरोह IMEI नंबर बदलकर अपराधों को अंजाम दे रहा था, जिससे मासूम लोग भी फंस सकते हैं। इस मामले ने यह भी साबित कर दिया कि तकनीकी सतर्कता न रखने से आप अनजाने में अपराधियों की मदद कर सकते हैं।


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