संवाद
पटना।आज की आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने निःसंतान दंपतियों के लिए नई आशाएं जगाई हैं। जहां पहले आईवीएफ ही एकमात्र विकल्प माना जाता था, वहीं अब दूरबीन सर्जरी के माध्यम से बिना आईवीएफ के भी संतान सुख प्राप्त करना संभव हो रहा है। इस क्षेत्र में पटना वूमेन’स हॉस्पिटल एंड फर्टिलिटी रिसर्च सेंटर, कंकड़बाग के वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव कुमार और प्रसिद्ध फर्टिलिटी विशेषज्ञ डॉ. कुमारी अनुराग अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।डॉ. संजीव कुमार ने बिहार, झारखंड और नेपाल के स्त्री रोग विशेषज्ञों को गायनी दूरबीन सर्जरी में प्रशिक्षित करने का बीड़ा उठाया है। यह तकनीक महिलाओं में गर्भाशय और अंडाशय संबंधी समस्याओं का बिना बड़ा चीरा लगाए निदान करने में सहायक होती है। दूरबीन सर्जरी के माध्यम से न केवल मरीजों को कम दर्द और जल्दी रिकवरी का लाभ मिलता है, बल्कि यह उपचार आईवीएफ के बिना गर्भधारण को संभव बना रहा है।उनकी इस पहल से बिहार, झारखंड और नेपाल के कई स्त्री रोग विशेषज्ञ अत्याधुनिक तकनीकों में दक्ष हो रहे हैं, जिससे इस क्षेत्र में उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं।फर्टिलिटी विशेषज्ञ डॉ. कुमारी अनुराग ने महिला और पुरुष दोनों में बांझपन के कारणों के अध्ययन और उपचार में अहम योगदान दिया है। उनके शोध और कार्यों से यह स्पष्ट हुआ है कि कई मामलों में पुरुष बांझपन भी संतान न होने का एक बड़ा कारण है, जिसे सही तकनीकों से दूर किया जा सकता है। वे उन्नत फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स के माध्यम से संतान प्राप्ति को आसान बना रही हैं।डॉ. संजीव कुमार और उनकी टीम फर्टिलिटी जीन सर्जरी के माध्यम से उन दंपतियों को संतान सुख प्रदान कर रहे हैं, जिन्हें सामान्यतः आईवीएफ की जरूरत पड़ती थी। यह सर्जरी न केवल फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद करती है, बल्कि यह प्राकृतिक रूप से गर्भधारण को भी संभव बनाती है। इस तकनीक में एंडोमेट्रियोसिस, ट्यूबल ब्लॉकेज, फाइब्रॉइड्स, ओवरी से जुड़ी समस्याओं का दूरबीन विधि से उपचार किया जाता है।पटना वूमेन’स हॉस्पिटल एंड फर्टिलिटी रिसर्च सेंटर की यह पहल निःसंतान दंपतियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। डॉ. संजीव कुमार और डॉ. कुमारी अनुराग की मेहनत और समर्पण से सैकड़ों परिवारों में खुशियों की किलकारियां गूंज रही हैं। इनके द्वारा किए जा रहे शोध और अत्याधुनिक तकनीकों के कारण अब निःसंतानता की समस्या का समाधान पहले से कहीं अधिक आसान और सुलभ हो गया है।