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NDA की बैठक में सम्मिलित होने को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने हटाया सस्पेंस, जानें क्या बोला

संवाद 


लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) को लेकर बिहार में सरगर्मी तेज हो गई है. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) विपक्षी एकत्व मुहिम की अगुवाई कर रहे हैं तो बीजेपी बिहार में अपना पैर मजबूत करने में लगी हुई है. 18 जुलाई को लेकर एनडीए की बैठक होने वाली है. इसमें एलजेपी रामविलास चिराग पासवान (Chirag Paswan) को न्योता भेज गया है. वहीं, अब इस बैठक में आरएलजेडी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) भी सम्मिलित होंगे. इन्होंने इसकी जानकारी ट्वीट कर दी. एनडीए में उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान के मिलने से बिहार में महागठबंधन की मुश्किलें जुरूर बढ़ने वाली हैं.उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर लिखा है कि 'कुछ लोग अनावश्यक भ्रम न फैलाएं. कल एनडीए की बैठक में मैं सम्मिलित रहूंगा.' वहीं, सोमवार को उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान 2024 में नरेंद्र मोदी के सामने कोई चुनौती नहीं है. बेंगलुरु में विपक्ष की होने वाली बैठक पर अपना नजरिया जाहिर करते हुए उन्होंने बोला कि चुनाव की तैयारी के हिसाब से सभी दल सोच रहे हैं, किलेबंदी का प्रयास है. विपक्ष के लोग कर रहे हैं, लेकिन दिखावे के लिए भले ही लोग प्रयास में हैं. आपस में जिस तरीके से मीटिंग करते हैं और मीटिंग के बाद बाहर जाकर एक दूसरे के विरुद्ध बोलते हैं. 

इससे सीधा है कि विपक्ष के सभी लोगों के मन में सिर्फ कुर्सी दिख रही है.

 मोदी हटाओ के अलावा उनके पास कोई एजेंडा नहीं है.आरएलजेडी प्रमुख ने बोला कि नरेंद्र मोदी का विकल्प 2024 तक नहीं है. नरेंद्र मोदी के मुकाबले में जो भी लोग हैं, एक पहलवान के विरुद्ध दूसरा कोई पहलवान थोड़ा सा भी मुकाबले में दिखे तो कोई आशा भी कर सकता है कि लड़ाई हो सकती है, लेकिन इतना ज्यादा अंतर है कि कहीं कोई लड़ाई की स्थिति बनने ही वाली नहीं है. ऐसी परिस्थिति में मोदी के समक्ष कोई चैलेंज नहीं है. यह बात मैं बार-बार बोल रहा हूं. उन्होंने विपक्ष पर आक्रमण करते हुए बोला कि इनके पास एजेंडा ही नहीं है. उपेंद्र कुशवाहा ने बोला कि पहले तो एजेंडे की बात है. नरेंद्र मोदी का जो एजेंडा है उसकी कोई आलोचना करें या प्रशंसा करें यह विषय है, लेकिन इनके पास तो कोई एजेंडा ही नहीं है. जनता के सामने जब तक वैकल्पिक ठोस एजेंडा को लेकर कोई भी बात न करें तो उस पर जनता का ध्यान ही नहीं जाएगा. वहीं, विपक्षी बैठक पर उन्होंने बोला कि विपक्ष की पहली ही बैठक में लालू प्रसाद ने स्पष्ट कर दिया था. बोला जाता था कि नीतीश कुमार की पैरवी लालू प्रसाद करेंगे, लेकिन लालू यादव ने बोला कि हम लोग बाराती हैं. दूल्हा तो राहुल गांधी हैं. लालू प्रसाद ही जब ऐसा बोल रहे हैं. उसके बाद चीजें स्पष्ट करने के लिए बचती कहां है? 

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