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'जल्दबाजी में फैसले मत लें, सुधारात्मक कार्रवाई हो, दंडात्मक नहीं...', इशारों-इशारों में किसे समझा गए शिक्षा मंत्री?


संवाद 

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekhar) ने मंगलवार (5 सितंबर) को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) पर आयोजित प्रोग्राम को संबोधित करते हुए सख्त लहजे में बोला कि हड़बड़ी में फैसले लेने से कई तरह की खामियां निकलती हैं. सरकार की किरकिरी होती है, इसलिए इस बात का ख्याल रखें कि हड़बड़ी में फैसला न लें. कृष्ण मेमोरियल हॉल में शिक्षा विभाग की तरफ से प्रोग्राम का आयोजन किया गया था. 20 शिक्षकों को सम्मानित किया गया और 15 हजार रुपये का चेक दिया गया.इस दौरान शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बोला कि शिक्षा को लेकर सुधार अति आवश्यक है लेकिन किसी तरह शिक्षक को परेशान किया जाएगा तो उसपर ध्यान दिया जाएगा. निरीक्षण हो, निरीक्षण के पक्ष में हूं लेकिन निरीक्षण हर समय सुधारात्मक होना चाहिए, दंडात्मक नहीं. निरीक्षण के क्रम में पदानुक्रम का ख्याल रखा जाए.शिक्षा मंत्री ने बोला कि आउटसोर्सिंग से राज्यभर में बड़े पैमाने पर नियुक्तियां हो रही हैं. 

उसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत मिली है.

 इस शिकायत को वक्त रहते ठीक करेंगे. किसी दलाल उचक्कों के चक्कर में मत पड़ें. प्रोग्राम खत्म होने के बाद मीडिया से बात करते हुए चंद्रशेखर ने अपनी बातों को दोहराया. बोला कि दंडात्मक कार्रवाई का कोई स्थान नहीं है. प्रजातंत्र में लोकशाही है तानाशाही नहीं. बता दें कि शिक्षा विभाग इन दिनों सुर्खियों में हैं. विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का नाम तो नहीं लिया लेकिन चंद्रशेखर का इशारा उन्हीं की ओर था. क्योंकि निरंतर कई तरह के एक्शन लिए जा रहे हैं. अभी सोमवार (4 सितंबर) को ही सरकार ने स्कूलों में छुट्टियों की कटौती के निर्णय को वापस लिया है. वहीं दूसरी तरफ आज प्रोग्राम के दौरान विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक भी उपस्थित थे लेकिन वह मंच पर नहीं गए.

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