रिपोर्ट के मुताबिक इस हादसे की वजह से 52 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है.
दुर्घटना में लोको पायलट (चालक) विपिन कुमार सिन्हा आंशिक रूप से जख्मी हो गये और उनके सहायक को गंभीर चोटें आईं.रिपोर्ट में लोको पायलट सिन्हा का एक बयान भी सम्मिलित है, जिसमें बोला गया है कि ट्रेन 128 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से रघुनाथपुर स्टेशन से गुजरी, लेकिन स्टेशन को पार करने के तुरंत बाद उसे पीछे से एक गंभीर झटका लगा. प्रारंभिक रिपोर्ट में लोको पायलट के हवाले से बोला गया है कि अत्यधिक कंपन और गंभीर झटके के परिणामस्वरूप, ब्रेक पाइप का दबाव अचानक कम हो गया और ट्रेन रात 9:52 बजे पटरी से उतर गई.विपिन कुमार सिन्हा के बयान के मुताबिक, उन्होंने रात 8:27 बजे दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन से ट्रेन की कमान संभाली और उस वक्त सब कुछ ठीक था. उन्होंने बताया कि ट्रेन रात 9:29 बजे बक्सर पहुंची तो सहायक लोको पायलट ने दोबारा इंजन की जांच की और सब कुछ ठीक पाया. रिपोर्ट में रघुनाथपुर स्टेशन के एक गेटमैन और एक प्वॉइंटमैन के हवाले से बोला गया है कि उन्होंने ट्रेन के पहियों के पास से चिंगारी निकलती देखी.रिपोर्ट में बोला गया है, ‘‘एलसी (लेवल क्रॉसिंग) गेट नंबर 59बी के गेटमैन के बयान के अनुसार, ट्रेन नंबर 12506 गेट से गुजरी और 8-10 डिब्बे गुजरने के बाद उसने चिंगारी देखी और भारी शोर सुना.’ रिपोर्ट में लोको पायलट और उसके सहायक का ‘‘ब्रेथ एनालाइजर’’ परीक्षण नकारात्मक बताया गया.सीपीआरओ ने बताया कि मामूली रूप से जख्मी हुए कई लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई. सीपीआरओ ने बताया कि इन यात्रियों को एक विशेष ट्रेन में बिठाया गया, जो गंतव्य स्टेशन के लिए रवाना हुई. सीपीआरओ ने बोला, ‘‘चिकित्सकों की सलाह के आधार पर, हम बिहार और पश्चिम बंगाल के दूर-दराज के इलाकों के यात्रियों को भी घर तक छोड़ने के लिए एम्बुलेंस की सुविधा प्रदान कर रहे हैं.’’इस रेल दुर्घटना में चार मृतकों के अलावा 30 यात्री जख्मी हुए हैं जिनमें 6 महिलाएं और 2 बच्चे सम्मिलित हैं. इस बीच, रेलवे अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान निवासी नरेंद्र के परिवार वालों को छोड़कर सभी पीड़ितों के परिजनों को अनुग्रह राशि दे दी गई है. बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मृतक नरेंद्र के परिवार को सूचित कर दिया गया है और उनके गुरुवार रात को बक्सर पहुंचने की आशा है.