पांच मई को नीट की परीक्षा थी.
प्रभात रंजन ने बोला कि उन्होंने आशुतोष कुमार को किराए पर अपना मकान दिया था. इसका एग्रीमेंट भी है. वह दनियावां प्रखंड का रहने वाला है. प्रभात ने बोला कि वह बहुत पहले से आशुतोष को जानते हैं. क्योंकि उनकी पत्नी दनियावां की प्रमुख रह चुकी हैं. वह प्रखंड प्रमुख के प्रतिनिधि थे लोग जानते थे. वह 2016 में मुखिया भी रहे.एक प्रश्न पर कि यह बात आ रही है कि आपने आशुतोष को किराए पर दिया, आशुतोष ने किसी मनीष नाम के व्यक्ति को किराए पर दे दिया फिर मनीष ने प्रश्न पत्र लीक कराने वाले को दे दिया. इस पर प्रभात रंजन ने बोला कि मैं आशुतोष को जानता हूं और मेरी नजर में वही आरोपी है. मुझसे पुलिस ने अब तक कोई पूछताछ नहीं की है. मुझे लगता है कि आशुतोष और मनीष से भी पूछताछ नहीं हुई है. मुझे पुलिस जब बुलाएगी मैं जाने के लिए तैयार हूं.पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड संजीव मुखिया का नाम आया है. इस पर प्रभात रंजन ने बोला कि वह संजीव मुखिया को नहीं पहचानते हैं. उन्होंने बोला कि आशुतोष उन्हें पांच हजार रुपये किराए देता था. प्रभात ने बोला, "अखबार में आ रहा है कि मेरी बेटी मेडिकल में है. यह बात बता दी जाए कि कौन बेटी मेरी मेडिकल में है उसका सर्टिफिकेट रद्द कर दें. संजीव मुखिया को मैं जानता तक नहीं हूं. मैं सिर्फ दो ही लोगों को जानता हूं मनीष और आशुतोष को, मैं गवाही देने के लिए तैयार हूं. जहां बुलाया जाएगा मैं जाऊंगा."