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मोदी सरकार संसद में पेश करेगी वक्फ बोर्ड एक्ट संशोधन बिल, बिहार में विधेयक को लेकर सियासत तेज


संवाद 


मोदी सरकार वक्फ बोर्ड एक्ट संशोधन बिल सोमवार को संसद में पेश कर सकती है. विधेयक को लेकर बिहार में भी राजनीतिक जिक्र तेज हैं. पक्ष और विपक्ष के नेताओं की अपनी-अपनी राय है. जेडीयू नेता नीरज कुमार का बोलना है कि इस बिल की ज्यादा सूचना नहीं लेकिन इस संदर्भ में बिहार एक मॉडल बना है. वहीं आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी का बोलना है कि केंद्र सरकार की निगाह कहीं और निशाना कहीं और है. नीरज कुमार ने बोला कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वक्फ की संपत्ति की सुरक्षा और संरक्षण के लिए भू राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव को और जिला के अंदर डीएम को यह अधिकार दिया है. वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर 100 करोड़ रुपये उसके विकास के लिए सरकार ने दिया है. इस राशि से पुस्तकालय बन रहा है. मल्टीपरपस हॉल बन रहा है. नीरज कुमार ने बोला कि जो गरीब तबके के लोग हैं, जो यतीम हैं. 

उनके भविष्य को बेहतर बनाने के लिए वक्फ बोर्ड की संपत्ति का उपयोग होगा.

अब हम आशा करते हैं बिहार सरकार की खींची गई इस लकीर को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार इस पर कार्य करेगी. वक्फ बोर्ड की संपत्ति अगर किसी ने अल्लाह के नाम पर दान दिया है तो वह अल्लाह के लिए है. जो जमीन दरगाह के लिए है. अल्लाह के इबादत के लिए है वह जमीन वक्फ बोर्ड की मानी जाती है. वक्फ बोर्ड की जमीन आम लोगों की सुविधा के लिए उपयोग हो यह हम सोचते हैं. बिहार में धार्मिक न्यास बोर्ड ने हिंदू देवी देवता का मंदिर और जो मठ की जमीन है, इसको भी लेकर राज्य सरकार ने मानक तय किया कि बिहार में महंत के नाम पर कोई भी जमीन नहीं होगी. बल्कि वह देवी देवता के नाम पर जमीन होगी और ऐसी चीज तय की जाएगी तो विवाद घटेगा. वहीं आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने वक़्फ बोर्ड के जमीन के सत्यापन वाले बिल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बोला कि केंद्र सरकार की निगाह कहीं और निशाना कहीं और है. किसी धर्म विशेष को टारगेट करना और किसी विवादित मुद्दों पर बहस करना अस्ल उद्देश्य है. असली मुद्दों पर जिक्र ना हो इसलिए सरकार इन मुद्दों पर बहस करती है. बीजेपी के सहयोगी दल जेडीयू और चंद्रबाबू नायूडू को बताना चाहिए की ये क्या हो रहा है? ये देश अपने नियम कानून से चलेगा. विपक्ष मजबूत है. आपको बता दें कि इस बिल के माध्यम से मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की उस शक्ति पर अंकुश लगाना चाहती है, जिसके तहत वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित कर सकता है. इस बिल के पास होने के बाद वक्फ बोर्ड के कई अधिकारों पर पाबंदी लग सकती है. बिल में वक्फ बोर्ड की शक्ति को कम करने की बात बोली गई है. इस वक्त देशभर में 28 राज्यों और केंद्र में 30 वक्फ बोर्ड कार्यरत हैं.

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