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'मुसलमानों को भी पता नहीं और जमीन वक्फ को चली गई', बोर्ड के दावे पर संजय जायसवाल का ये बड़ा बयान


संवाद 


पटना से सटे फतुहा के गोविंदपुर गांव में करीब 95 फीसद हिंदू परिवार रहते हैं. इस जमीन पर वक्फ बोर्ड ने कुछ दिनों पहले दावा ठोका और गांव को खाली करने का निर्देश दे दिया. अब मामला तूल पकड़ता जा रहा है. गुरुवार (12 सितंबर) को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के सदस्य और बेतिया सांसद संजय जायसवाल निरीक्षण करने के लिए आए. इस क्रम में उन्होंने वहां के लोगों से बात की. समस्याओं को जानने का प्रयत्न किया. संजय जायसवाल ने बोला कि किस तरह कानून का दुरुपयोग होता है, इसका सबसे बड़ा नमूना फतुहा के गोविंदपुर इलाके में दिख रहा है. दोनों ओर से इस इलाके में मकान बने हुए हैं और एक व्यक्ति अपनी इच्छा से पूरी जमीन को वफ्फ बोर्ड के नाम घोषित करवा देता है. कभी किसी को नोटिस नहीं हुआ. बिचारों को पता भी नहीं है और अचानक बोर्ड लगा दिया गया और कहा जाता है कि यह सारी संपत्ति वफ्फ बोर्ड की है. 

बीजेपी सांसद ने बोला कि खतियान में इन लोगों के नाम हैं. 

10% करीब मुस्लिम समाज के लोग हैं जबकि 90% हिंदू हैं. मुस्लिम समाज के लोगों ने भी नहीं बताया कि उनके दादा-परदादा ने कब वफ्फ बोर्ड को जमीन दे दी. मुसलमान को भी नहीं पता कि उनकी जमीन कब वफ्फ बोर्ड को चली गई. बिहार सरकार ने इसे कैंसिल कर इन लोगों को जमीन वापस किया है.आगे संजय जायसवाल ने बोला कि दोनों के कागजात देखने से साफ लग रहा है कि साजिश के तहत इन लोगों ने सारी जमीन वफ्फ बोर्ड के नाम कर दी है. हम तक सुनते आए हैं कि माफिया और रंगदार जमीन को हड़पते हैं, यह पहला नमूना देखने को मिल रहा है कि वफ्फ बोर्ड के नाम पर आम लोगों की जमीन हड़पी गई है. सड़क नहीं बनने दी जाती है. आम सड़क वक्फ की कैसे हो सकती है? हमने सभी राज्य के सुन्नी वफ्फ बोर्ड को बुलाने का फैसला लिया है. इनकों सुनेंगे. लॉ यूनिवर्सिटी के बड़े जानकार को सुनना है, लेकिन पीड़ित पक्ष का भी सुनना जरूरी है इसलिए आए हैं.

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